Skip to main content

आराधक

जो ज्ञान, दर्शन और चारित्र की समयक आराधना करे वह आराधना करने वाला या आराधक कहलाता है। आगम में स्पष्ट परिभाषा नहीं मिलती है पर मुख्यतर से दो परिभाषा के भाव मिलते है

  1. जो ज्ञान, दशर्न, चारित्र की आराधना करे वह आराधक। 
  2. जो अंतिम समय में किए हुए पापों की आलोचना करें वह परलोक का आराधक। 

ज्ञान की आराधना किसे कहते है?

दर्शन की आराधना किसे कहते है?

चारित्र की आराधना किसे कहते है?

दो सिद्धांत है जिनमें पूरा प्रमाण या आधार भूत सपस्टिकरन नहीं हुआ है और थोड़े मतभेद और अलग अलग मान्यता है।

  1. समकित में आयुष बांधे तो आराधक। 
  2. आराधक के शेष भव।